कोलकाता, सीएनए। जी, हां आप ने सही पढ़ा टीएमसी नेता बाबुल सुप्रियो ने कहा कि मैंने राजनीति से आहत होकर रिटायरमेंट का फैसला लिया था। मुझे लगा था कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री को ज्ञान की कोई परवाह नहीं है। दरअसल, बाबुल सुप्रियो टीएमसी की टिकट पर बालीगंज विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ रहे हैं।
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मुझे कोई डर होता तो मै पार्टी क्यों छोड़ता
उन्होंने कहा कि अगर मुझे कोई डर होता तो मैं पार्टी क्यों छोड़ता। एक व्यक्ति जो एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाता है और अक्सर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ अपने संबंध का दिखावा करता है लेकिन वह लोग मेरे पीछे केंद्रीय एजेंसियों को लगाने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसका सामना करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री व आसनसोल से दो बार सांसद चुने गए बाबुल सुप्रियो ने पिछले साल भाजपा छोड़कर टीएमसी का दामन थामा था। इसके बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसके चलते इस सीट पर उपचुनाव की जरूरत पड़ी। उपचुनाव के लिए 12 अप्रैल को मतदान होगा। जबकि 16 अप्रैल को उपचुनाव के परिणाम सामने आएंगे।
बालीगंज में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना
बालीगंज उपचुनाव में बाबुल सुप्रियो को विपक्षी भाजपा और माकपा से कड़ी टक्कर मिल सकती है। हालांकि, इस सीट को साल 2006 से टीएमसी का गढ़ माना जाता है। 1950 के दशक से इस सीट पर चुनावी मुकाबला माकपा और कांग्रेस के बीच हुआ करता था।
झुग्गी बस्तियों और कुछ मध्यम वर्ग के लोग जहां वाम दलों का समर्थन करते थे, जबकि बाकी के मध्यम वर्ग और अमीर दूसरी ओर रहते थे। हालांकि, टीएमसी के उदय के बाद गरीब और अमीर दोनों के वोट ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी को मिलने लगे। लेकिन इस बार टीएमसी, भाजपा और माकपा के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है।