गोरखपुर, सीएनए (रवि गुप्ता)। गोरखपुर के मालनपार क्षेत्र के कटवर गांव में एक व्यक्ति (OmkaNath Yadav) ऐसा भी है जिसे जनता जबरदस्ती चुनाव लड़ा कर जीताती है।
जी, हांं हम बात कर रहे हैं ओंकार नाथ यादव (OmkaNath Yadav) की जो ग्रेजुएशन के साथ हिंदी साहित्य से शिक्षा विशारद भी हैं। 1989 में पहली बार भिटोली डिग्री कॉलेज से छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था और जीते थे। उसके बाद लोगों की सेवा करने का जुनून इनके सर चढ़ गया।
ब्लड कैंसर की बीमारी से ग्रसित है
OmkaNath Yadav स्वयं ब्लड कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित होने के बाद भी यह लोगों के सुख दुख में खड़े होने से पीछे नहीं हटते हैं और 1995 से लगातार यह या इनके परिवार के लोग ही प्रधान पद पर आसीन रहते हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि यह स्वम चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं बल्कि चुनाव से पहले गांव की जनता इन्हें जबरदस्ती चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित करती है और ऐसा करने के पीछे कारण भी है। इन्होंने अपने गांव में काफी विकास के कार्य किए हैं। शहर के सभी बड़े अधिकारी इनके कार्य से बहुत खुश हैं, इनके कार्यों के चलते ही गोरखपुर विकास कार्य में 46 स्थान पर आया था।
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16 जून 2020 की रिकॉर्ड की बात करें तो 154000 मानव दिवस का रोजगार, बेरोजगारों को दिया गया था। यह अपने गांव में 8 बड़े तालाब बनवा रहे हैं जिनको नदी से जोड़कर मछली पालन वगैरह का कार्य भी किया जाएगा जिससे बेरोजगारों को रोजगार मिले।
इनके क्षेत्र में विदेशी पक्षी भी आते हैं जिन्हें देखने के लिए लोग उनके गांव का चक्कर लगाते रहते हैं और इतिहास के दृष्टि से इनका गांव महत्वपूर्ण भी है, क्योंकि यहां पहले अंग्रेजों द्वारा बनाई गई नील कोठी थी जहां से वह अपने अगल-बगल के इलाकों पर नजर रखते थे ।
हर वर्ग की मदद करते है
गांव की राजनीति के विषय में यह चर्चा आम है कि वहां जातिगत राजनीति बहुत जबरदस्त होती है मगर ओंकार नाथ यादव (OmkaNath Yadav) के लिए हर वर्ग के लोग और हर जाति के लोग, चाहे औरत हो या मर्द एक पैर पर खड़े रहते हैं । इनका गांव ऐसे इलाके में है जहां गोरखपुर के बड़े-बड़े जमीदार के वंशज निवास करते हैं मगर वह लोग भी स्वयं चुनाव न लड़के ओंकार नाथ यादव के कार्यों को देखते हुए उन्ही को सपोर्ट करते हैं ।