Wednesday, September 27, 2023
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स्कूलों की छुट्टियों में कटौती को सुशील मोदी बताया हिंदू विरोधी मानसिकता

राज्यसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी के नेता सुशील मोदी ने बुधवार को कहा कि बिहार के सरकारी स्कूलों में त्योहारी छुट्टियों की संख्या कम करने का निर्णय “हिंदू विरोधी मानसिकता का संकेत” है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार को अपना फैसला वापस लेना चाहिए। सुशील मोदी ने कहा कि यह हिंदू विरोधी मानसिकता का प्रतीक है।

बिहार में ‘छठ’ हर घर में मनाया जाता है… अगर स्कूल खुल जाएंगे तो इन त्योहारों पर कौन सा बच्चा स्कूल जाएगा? उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सरकार को बिना किसी देरी के अपना फैसला वापस लेना चाहिए। मोदी की यह टिप्पणी बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में त्योहारी छुट्टियों की संख्या कम करने के फैसले की घोषणा के बाद आई है।

सरकार की सफाई

इस बीच, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी ने बिहार शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में त्योहारी छुट्टियों की संख्या कम करने पर बात की। अशोक चौधरी ने कहा कि भाजपा को बच्चों की शिक्षा और नियम-कायदों की कोई चिंता नहीं है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में प्राथमिक विद्यालयों के लिए कक्षा 1 से 5 तक न्यूनतम 200 कार्य दिवस रखने का प्रावधान है।

हमने इस पर विचार करने के बाद इसमें संशोधन किया। लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) नेता चिराग पासवान ने बुधवार को कहा कि बिहार में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है। उन्होंने कहा कि “बिहार में तुष्टीकरण की राजनीति चल रही है। राज्य अभी तक विकास नहीं कर पा रहा है क्योंकि सत्ता में बैठे लोग धर्म और जाति के आधार पर राजनीति कर रहे हैं।”

छुट्टी में भी कटौती

हाल के दिनों में अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार में स्कूली शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर कई नये निर्देश जारी किये हैं। 31 अगस्त को अब रक्षाबंधन की छुट्टी नहीं होगी। इसके अलावा पहले दुर्गा पूजा पर छह दिन की छुट्टी थी जिसे अब घटाकर तीन दिन कर दिया गया है। साथ ही 13 नवंबर से 21 नवंबर तक दिवाली से लेकर छठ तक नौ दिनों की छुट्टी थी लेकिन अब दिवाली (12 नवंबर) पर सिर्फ एक दिन की छुट्टी होगी।

15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा के लिए एक दिन की छुट्टी होगी और दो दिन की छुट्टी होगी छठ पूजा के लिए 19 नवंबर और 20 नवंबर को होगी। शिक्षा विभाग की ओर से जारी संशोधित आदेश में कहा गया है कि प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 200 कार्य दिवस और मध्य विद्यालयों में 220 दिन का कार्य दिवस होना जरूरी है, लेकिन चुनाव, परीक्षा, त्योहार और प्राकृतिक आपदाओं के कारण स्कूलों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

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