Sunday, September 24, 2023
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कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीट पर स्थिति मजबूत होने का दावा किया


कांग्रेस ने रविवार को दावा किया कि जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीट पर उसकी स्थिति मजबूत है जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) का प्रभाव केवल सीमित है।
प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष विकार रसूल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के सभी 90 निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस स्वीकार्य है। चुनाव होने के बाद, कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी क्योंकि नेकां, भाजपा और पीडीपी जैसी अन्य पार्टियों का प्रभाव क्षेत्र सीमित है।’’
रसूल ने रविवार को कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं का पार्टी में स्वागत किया और कहा कि पिछले एक साल में अन्य दलों से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू में आम आदमी पार्टी के करीब 80 फीसदी सदस्य कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। आम आदमी पार्टी ने जम्मू में अपना दफ्तर बंद कर दिया है। डेमोक्रेटिक प्रगतिशील आजाद पार्टी (डीपीएपी) के करीब 80 फीसदी कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। दूसरे दलों से भी लोग हमारे साथ आये हैं।’’
पीसीसी अध्यक्ष ने जम्मू-कश्मीर में धार्मिक नेताओं की रिहाई का स्वागत किया, लेकिन इसका श्रेय लेने की कोशिश करने के लिए भाजपा नेताओं को फटकार लगाई।
विकार रसूल ने कहा, ‘‘मीरवाइज, वीरी और दाऊदी जैसे धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार करना गलत था। वीरी और दाऊदी को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।

मीरवाइज को चार साल बाद रिहा कर दिया गया। हम इसका स्वागत करते हैं। किसी भी संप्रदाय के धार्मिक नेता को जेल नहीं भेजा जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए एक राष्ट्र, एक चुनाव के लिए समिति का गठन किया गया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘भाजपा लोगों का ध्यान असल मुद्दों से भटकाना चाहती है। एक राष्ट्र, एक चुनाव की समिति पूरी तरह से भाजपा का एक समूह है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



फडणवीस ने नागपुर में बारिश प्रभावित क्षेत्र के दौरे पर व्यक्ति को धक्का दिया : विपक्षी दलों का आरोप


विपक्ष ने रविवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर शहर में बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर एक व्यक्ति को धक्का दे दिया, वहीं राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस आरोप को खारिज कर दिया है।
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई और शिवसेना (यूबीटी) ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर, बारिश प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने वाले फडणवीस का एक वीडियो साझा किया और उन पर एक निवासी को धक्का देने का आरोप लगाया तथा इसे ‘‘सत्ता का अहंकार’’ बताया।
वीडियो क्लिप में कुछ महिलाएं फडणवीस के साथ आए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों के साथ बहस करती देखी जा सकती हैं और वे परोक्ष तौर पर मांग कर रही हैं कि वह (फडणवीस) उनसे उनके घरों का दौरा करें। इसी बीच, महिलाओं के साथ दिख रहे एक व्यक्ति को फडणवीस ने अपनी ओर खींचा और वह उससे बातचीत करने लगे।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने वीडियो क्लिप टैग करते हुए ‘एक्स’ पर आरोप लगाया, ‘‘एमवीए (महा विकास आघाड़ी) की सरकार गिराने में समय लगाने के बजाय देवेन्द्र फडणवीस को अपने गृहनगर नागपुर के लोगों की सेवा करने में समय देना चाहिए था। यदि उन्होंने ऐसा किया होता तो शायद उन्हें इन लोगों के गुस्से का सामना नहीं करना पड़ता। बहरहाल यहां उनका व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।’’
वीडियो पर प्रतिक्रिया जताते हुए, भाजपा की महाराष्ट्र इकाई ने कहा कि विपक्ष के बयान भ्रामक और राजनीति से प्रेरित हैं।
भाजपा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नागपुर में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के फडणवीस के दौरे के दौरान, कई निवासी चाहते थे कि वह उनके घरों का दौरा करें। हालांकि, सभी घरों का दौरा करना संभव नहीं था।

इस बीच, एक निवासी इस बात पर अड़ गया कि फडणवीस उसके घर का दौरा करें। चूंकि, पुलिस उस व्यक्ति को रोक रही थी, फडणवीस ने उसका हाथ पकड़ा और उसे यह बताने के लिए पास बुलाया कि वे उसके घर भी जाएंगे।’’
भाजपा ने कहा कि इसमें कोई बुराई नहीं है कि लोग चाहते हैं कि स्थानीय विधायक फडणवीस उनके घर आएं क्योंकि नागपुर में हर कोई उन्हें पसंद करता है।
भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह घृणित है और बेशर्मी की पराकाष्ठा है कि ऐसी घटनाओं का उन नेताओं द्वारा राजनीतिकरण किया जाता है जो कभी भी लोगों से नहीं मिलते।’’
भाजपा ने वीडियो में दिख रहे व्यक्ति के घर का फडणवीस द्वारा दौरा करने का एक वीडियो भी पोस्ट किया।
भाजपा ने कहा,‘‘चूंकि राज्य की जनता ने आपको (विपक्षी दलों को) नकार दिया है, इसलिए आपके पास कोई दूसरा काम नहीं है।’’

सुबह में, फडणवीस ने शहर के सबसे बड़े जलाशय अंबाझारी झील के आसपास के इलाकों का दौरा किया, जिसका तटबंध शनिवार को भारी बारिश के कारण टूट गया था।
उन्होंने कहा कि तीन घंटे में 109 मिलीमीटर बारिश हुई, जिसमें शुक्रवार 2 बजे से सुबह 4 बजे के बीच 90 मिलीमीटर बारिश भी शामिल है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए।
उन्होंने कहा, ‘‘कम से कम 10,000 घर प्रभावित हुए हैं। घरों में कीचड़ घुस गया है। प्रशासन दवाएं उपलब्ध करा रहा है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सफ़ाई में मदद कर रहा है। अत्यधिक क्षति हुई है।’’
शनिवार को बारिश से संबंधित घटनाओं में 53 वर्षीय एक महिला सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 400 से अधिक लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



BJP सांसद रवि किशन ने की लोकसभा स्पीकर से मांग, कहा- दानिश अली के खिलाफ हो जांच


Ravi Kishan

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आपत्तिजनक बयान मामले में विपक्ष के हमलावर होने के बाद भाजपा सांसद रवि किशन ने दानिश अली को भी कई आरोपों में घेरा है। इस संबंध में रवि किशन ने बताया कि रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली पर जो विवादित टिप्पणी की वो अच्छा नहीं है।

इन दोनों लोकसभा में भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा दानिश अली पर दिए गए आपत्तिजनक बयान को लेकर हंगामा मचा हुआ है। भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा दी गई टिप्पणी के कारण पार्टी को काफी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच गोरखपुर सदर से भाजपा सांसद रवि किशन ने भी इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। 

आपत्तिजनक बयान मामले में विपक्ष के हमलावर होने के बाद भाजपा सांसद रवि किशन ने दानिश अली को भी कई आरोपों में घेरा है। इस संबंध में रवि किशन ने बताया कि रमेश बिधूड़ी ने दानिश अली पर जो विवादित टिप्पणी की वो अच्छा नहीं है। मैं रमेश बिधूड़ी के बयान का किसी भी स्तर पर समर्थन नहीं करता हूं लेकिन संसद में रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है ऐसे में दानिश के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि दानिश अली पहले दो बार संसद में मुझ पर अभद्र भाषा में टिप्पणी कर चुके हैं। दानिश अली ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पेश होने के दौरान मेरे परिवार पर निजी टिप्पणी की थी। उनके इस बयान के बाद मुझे उम्मीद है कि लोकसभा अध्यक्ष इस मामले पर भी ध्यान देंगे। बता दें कि रवि किशन इस मामले पर एक पत्र लिख रहे है जिसका मसौदा तैयार किया जा चुका है। रवि किशन ने पत्र में अनुरोध किया है कि अगर विवादित टिप्पणी को लेकर रमेश बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी तो दानिश के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई होनी चाहिए। 

इससे पहले झारखंड के गोंडा से सांसद निशिकांत दुबे ने भी रमेश बिधूड़ी द्वारा दी गई विवादित टिप्पणी पर कमेटी बनाकर बीएसपी सांसद दानिश अली के खिलाफ भी जांच किए जाने का मुद्दा उठाया था। इस संबंध में वह लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र भी लिख चुके हैं।

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MotoGP । यंग जनरेशन के रूप में निवेशकों के लिए यूपी सबसे बड़ा बाजारः Yogi Adityanath


उत्तर प्रदेश संभावनाओं वाला प्रदेश है। ये संभावनाएं इंफ्रास्ट्रक्चर में हैं, रोड कनेक्टिविटी में हैं, मेट्रो सेक्टर में हैं, एयर कनेक्टिविटी में हैं, वाटरवेज में हैं और लॉजिस्टिक के क्षेत्र में हैं। उत्तर प्रदेश देश के अंदर इनवेस्टमेंट के बेहतरीन डेस्टिनेशन के रूप में आगे बढ़ रहा है। इसलिए आज मोटो जीपी में जितने भी इस फील्ड के निवेश करने के उत्सुक स्टेक होल्डर्स, ऑर्गनाइजर और अन्य महानुभाव आए हैं, उन सबको आमंत्रित करता हूं कि वे सभी उत्तर प्रदेश की संभावनाओं का लाभ लें। उत्तर प्रदेश न सिर्फ मोटो जीपी जैसे इवेंट के लिए एक बड़ा मार्केट है, बल्कि यहां पर भारत की सबसे यंग जेनरेशन भी है जो आपके लिए एक अवसर होगा अपने निवेश को आगे बढ़ाने का। यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट में आयोजित हो रहे मोटो जीपी भारत में हिस्सा लेने आए विभिन्न कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बिजनेस कॉन्क्लेव के अवसर पर कहीं। उन्होंने विश्वास जताया कि निवेशकों द्वारा किए जाने वाले किसी भी निवेश के लिए उत्तर प्रदेश सरकार हर प्रकार की सुरक्षा और सुविधा प्रदान करेगी। 

स्पोर्ट्स सेक्टर पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का विशेष फोकस 

सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मोटो जीपी का आयोजन हम सबके लिए उत्साहवर्द्धक है। उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। यह भारत की सबसे तेज बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है और कुल आबादी का 56 फीसदी वर्किंग एज ग्रुप होने के कारण भारत का सबसे युवा राज्य भी है। इसलिए स्पोर्ट्स सेक्टर को न केवल विकसित करने की संभावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं बल्कि हमारी सरकार और केंद्र सरकार इस सेक्टर पर विशेष फोकस करते हुए इस प्रकार के इवेंट को आयोजित करने के हर संभव प्रयास कर रही है। इस बात पर प्रसन्नता है कि अब तक मोटो जीपी 2023 के लिए लगभग एक लाख से अधिक टिकटों की बिक्री हो चुकी है। मोटो जीपी रेस का आयोजन वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए आकर्षण का एक केंद्र है। इस आयोजन से प्रदेश में और भारत में ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश के लिए आकर्षण में वृद्धि की जो संभावनाएं हैं उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हमारी सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेगी। बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट को प्रदेश सरकार ने 2011 में विकसित किया था। इस आयोजन के साथ प्रदेश के अंदर जो अनेक संभावनाएं हैं, उन्हें एक लघु फिल्म के माध्यम से आपके सामने प्रस्तुत किया गया। आपने देखा होगा कि उत्तर प्रदेश में क्या संभावनाएं हैं।   

कनेक्टिविटी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर हुआ उल्लेखनीय कार्य 

सीएम योगी ने कहा कि जिस क्षेत्र में मोटो जीपी का यह इवेंट आयोजित हो रहा है, यह वही सेक्टर है जहां भारत के दो महत्वपूर्ण फ्रेट कॉरिडोर (ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) का जंक्शन है। यहां पर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के साथ ही लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्ट हब के लिए भी कार्यक्रमों को तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य हुआ है। इस क्षेत्र में ही प्रदेश सरकार ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल के साथ मिलकर एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नोएडा इंटरनेशनल) का निर्माण युद्धस्तर पर कर रही है। प्रदेश के अंदर ही अन्य क्षेत्रों में भी एयर कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। इनलैंड वाटरवेज वाराणसी-हल्दिया के बीच में प्रारंभ हो चुका है जो प्रदेश के पूर्वी बंदरगाह के साथ बेहतर कनेक्टिवटी को आगे बढ़ा रहा है। प्रदेश के अंदर औद्योगिक अवस्थापना के विकास के लिए अटल इंडस्ट्रीरियल इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन का शुभारंभ पहले ही हम कर चुके हैं और पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में प्रदेश के अंदर औद्योगिक और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश के लिए एक नया इकोसिस्टम तैयार हुआ है। यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान में उत्तर प्रदेश देश के अंदर कार्य करने वाले अग्रणी राज्यों में एक है। 

निवेश संभावनाओं के लिए प्रदेश में किए गए अनेक रिफॉर्म 

प्रदेश में निवेश के लिए माहौल बनाने के सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए सीएम ने कहा कि प्रदेश के अंदर आज निवेश की बेहतर संभावनाएं बढ़ी हैं। निवेश की इन बेहतर संभावनाओं के लिए प्रदेश को अनेक रिफॉर्म करने पड़े थे। सुरक्षा का एक बेहतर वातावरण देना पड़ा था। प्रदेश के अंदर ईज ऑफ डूईंग की सफलतम रैंकिंग के बाद आज प्रदेश ने टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए जिन कार्यक्रमों का आगे बढ़ाया है उसी का परिणाम है कि आज निवेशकों के किसी भी एमओयू को प्रदेश सरकार निवेश सारथी के माध्यम से मॉनीटरिंग कर रही है और उसके क्रियान्वयन को पूरी प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ाती है। सिंगल विंडो की व्यवस्था हर निवेशक को उपलब्ध कराई जा रही है। निवेश मित्र देश के अंदर सबसे बड़ा पोर्टल है। यह 400 से अधिक सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने का काम करता है, जहां तेजी के साथ निवेशकों की समस्याओं का समाधान होता है। निवेश करने वाले हर निवेशक के लिए ऑनलाइन इंसेंटिव पोर्टल का विकास करके यह व्यवस्था की गई है कि इंसेंटिव्स के लिए निवेशक को कहीं भटकना न पड़े। अलग-अलग सेक्टर की 25 सेक्टोरल पॉलिसीज बना कर उन्हें प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। प्रदेश सरकार ने फरवरी 2023 में लखनऊ में पहले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसमें दुनिया के एक दर्जन से अधिक देशों ने पार्टनर कंट्री के रूप में अपना योगदान दिया था। इस आयोजन के माध्यम से 36 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। 

उत्तर प्रदेश में खेलों के इंफ्रास्ट्रक्चर में हो रहा बड़ा बदलाव 

प्रदेश में खेल और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के प्रयासों का उल्लेख करते हुए सीएम योगी ने कहा कि शनिवार को उत्तर प्रदेश और भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी के रूप में विख्यात वाराणसी में भारत के प्रधानमंत्री ने एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी है। उत्तर प्रदेश केंद्र सरकार के साथ मिलकर अनेक ऐसे आयोजन कर रहा है, जिसमें हर जिले में एक स्टेडियम का निर्माण करना,विकासखंड स्तर पर एक मिनी स्टेडियम का निर्माण करना, हर ग्राम पंचायत में खेल के मैदान को आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करना, हर ग्राम पंचायत में ओपन जिम विकसित करना शामिल है। प्रदेश में महिलाओं और युवकों के बीच में खेल गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए हर ग्राम पंचायत में युवक मंगल दल और महिला मंगल दल गठित किए गए हैं। उन्हें स्पोर्ट्स किट उपलब्ध कराने के कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं। इसके बेहतरीन परिणाम देखने को मिल रहे हैं।

अरुणाचल प्रदेश को मिला नया एयरपोर्ट टर्मिनल केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया शुभारंभ


Jyotiraditya Scindia

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अरुणाचल प्रदेश के तेजू एयरपोर्ट को नया टर्मिनल मिल गया है। केंद्रीय नागरिक उद्यान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को लोहित स्थित तेजू एयरपोर्ट की नई टर्मिनल का उद्घाटन किया है। इसे नहीं टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित रहे।

अरुणाचल प्रदेश के तेजू एयरपोर्ट को नया टर्मिनल मिल गया है। केंद्रीय नागरिक उद्यान मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को लोहित स्थित तेजू एयरपोर्ट की नई टर्मिनल का उद्घाटन किया है। इसे नहीं टर्मिनल के उद्घाटन के मौके पर अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी उपस्थित रहे।

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शाहजहांपुर में एक कंप्यूटर शिक्षिका की बेटी बचाओ मुहिम,अभियान से और लोग जुड़ रहे


शाहजहांपुर जिले में कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए बेटी बचाओ अभियान चलाने वालीं एक कंप्यूटर शिक्षिका रिद्धि बहल ने कभी अकेले ही इस अभियान की शुरुआत की थी, लेकिन आज उनकी इस मुहिम का हिस्सा बनकर बहुत सी महिलाएं लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।
शाहजहांपुर के गोविंदगंज मोहल्ले की निवासी रिद्धि बहल (48) अविवाहित हैं और एक निजी विद्यालय में कंप्यूटर विषय की शिक्षिका हैं। रिद्धि बहल, चिकित्सकों सहित महिला स्वयंसेवकों के एक समूह के साथ हर सप्ताहांत जिले के गांवों का दौरा करती हैं और कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ महिलाओं के लिए छोटे जागरूकता शिविर आयोजित करती हैं।
बहल ने कहा, हम गर्भवती और नवविवाहित महिलाओं को शिविर में लाने की कोशिश करते हैं और उन्हें कन्या भ्रूण हत्या की अवैध प्रथा के बारे में शिक्षित करते हैं।

हम उन्हें लड़कियों के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताते हैं।
उन्होंने कहा कि कहा, हमने देखा की बेटों की अपेक्षा बेटियों को लोग हीन भावना से देखते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। आज कई बेटे बूढ़े मां-बाप को घर से निकालकर वृद्धा आश्रम में छोड़ देते हैं। इसके विपरीत कई बेटियां अपने बूढ़े मां-बाप को अपने घर (ससुराल) में रख रही हैं।
वह बताती हैं कि वर्ष 2007 में उनकी एक करीबी महिला रिश्तेदार को उसके ससुराल वालों ने गर्भपात कराने के लिए मजबूर किया क्योंकि उन्हें पता चल गया था कि गर्भ में एक लड़की है। बहल ने कहा कि इसके बाद वह महिला उनके ‘बेटी बचाओ’ की मुहिम से जुड़ गई।
बहल ने बताया कि अब तक वह हजारों महिलाओं को बेटियों को बेटे के बराबर दर्जा देने के लिए जागरूक कर चुकी हैं।

एक समय उन्होंने अकेले ही इस अभियान को शुरू किया था, लेकिन आज उनके इस अभियान से दो से तीन दर्जन महिलाएं जुड़ चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि उनका समूह महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, साइना नेहवाल जैसी खिलाड़ियों सहित प्रसिद्ध महिला नेताओं का उदाहरण भी देता है।
रिद्धि बहल ने बताया कि उन्हें खुद के दम पर बेटी बचाओ अभियान की शुरुआत करने पर तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वह महिलाओं को बताती हैं कि महिलाओं ने ही हमारे देश का नाम रोशन किया है और उनकी भी बेटी देश का मान बढ़ा सकती है।
शहर की एक चिकित्सक डॉक्टर दीपा सक्सेना, जो बहल का समर्थन करती हैं और कभी-कभार उनके साथ भी जाती हैं, ने कहा, बहल समाज के लिए एक आवश्यक सेवा कर रही हैं।

हमें एक समान समाज सुनिश्चित करने के लिए ऐसे और प्रयासों की आवश्यकता है जहां एक लड़की को आगे बढ़ने के लिए पुरुषों के समान अवसर मिले।
स्वास्थ्य विभाग के एक रिकॉर्ड के अनुसार उप्र का लिंगानुपात 912 है जो राष्ट्रीय औसत 940 से कम है।
इसी अभियान से जुड़ी अमरजीत बावा ने बताया कि उनकी चार बेटियां हैं और उन्हें अपनी बेटियों पर गर्व है। बावा ने कहा कि अच्छी शिक्षा देकर उन्होंने अपनी बेटियों को योग्य बनाया है।
वह बताती हैं कि की बेटे से कहीं अधिक उनके लिए उनकी बेटियां प्रिय हैं। बावा क्षेत्र में जाकर महिलाओं से खुद की चार बेटियां होने की बात गर्व से बताती हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. आरके गौतम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रिद्धि बहल की पहल को उनका पूरा समर्थन है। सीएमओ ने कहा कि उनका विभाग जिले में कई ‘अल्ट्रासाउंड क्लीनिक’ के सहयोग से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अभियान भी चलाता है।

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मिनी पंजाब के नाम से मशहूर है ये देश, जानें Canada में सिखों का प्रवास के शुरूआत की कहानी

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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने शुक्रवार यानी 22 सितंबर को बड़ा बयान देते हुए भारत को भी बड़ा झटका दिया है। हाल ही में जी20 शिखर सम्मेलन से हिस्सा लेकर कनाडा लौटे जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटी की संलिप्तता देखने को मिली है।

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कई हफ्ते पहले खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में “विश्वसनीय आरोपों” के सबूत भारत के साथ साझा किए हैं। जस्टिन ट्रूडो द्वारा भारत सरकार और इस साल की शुरुआत में कनाडा में निज्जर की हत्या के बीच “संभावित संबंध” का आरोप लगाने के बाद 19 सितंबर को कनाडा और भारत के बीच राजनयिक गतिरोध पैदा हो गया। कनाडा को जवाब देते हुए नई दिल्ली ने ओटावा पर “खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों” को शरण देने का आरोप लगाया। इस घटना के बाद एक बार फिर कनाडा में सिख प्रवासी लोग सुर्खियों में आ गए है।

वर्ष 2021 में की गई कनाडा जनगणना के मुताबिक कनाडा की आबादी में सिखों की हिस्सेदारी 2.1% है। भारत के बाहर कनाडा सबसे बड़ी सिख आबादी वाला देश है। वैसे यह संख्या कोई बड़ा आंकड़ा नहीं है। गौरतलब है कि एक सदी से भी अधिक समय से सिख समुदाय की कई लोगों कनाडा में रह रहे हैं। लेकिन सिख लोगों ने कनाडा जाने का फैसला क्यों किया और कनाडा में आने वाली पहले सिख कौन थे। इसके साथ यह भी जाना जरूरी है कि सिखों को कनाडा में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। 

यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन की स्कूल आफ ओरिएंटल एंड अफ्रीकन स्टडीज के एमेरिटस प्रोफेसर को हर्बल सिंह ने थे न्यू यॉर्कर पत्रिका को बताया कि 19वीं सदी के अंत में सिखों ने विदेशों में प्रवास करना शुरू किया था। सिख लोग ब्रिटिश साम्राज्य के लिए सशस्त्र सेवाओं में भी शामिल थे। उन्होंने बताया कि जहां भी ब्रिटिश साम्राज्य का विस्तार हुआ जैसे पूर्वी चीन, सिंगापुर, फिजी, मलेशिया या पूर्वी अफ्रीका इन सभी इलाकों में सिखों को पहुंचाया गया।

अगर कनाडा में सिखों के आने की बात की जाए तो वर्ष 1897 में महारानी विक्टोरिया की डायमंड जुबली के दौरान सिखों का यहां आना शुरू हुआ। ब्रिटिश भारत सेवा में एक मेजर केसूर सिंह कनाडा जाने वाला पहला सिख निवासी माना जाता है। जानकारी के मुताबिक की सूर्य सिंह हांगकांग रेजीमेंट में था। हालाँकि, कनाडा में सिख प्रवास की पहली लहर 1890 के दशक के शुरुआती वर्षों में शुरू हुई थी। माना जाता है कि अधिकतर प्रवासी सिख मजदूर के तौर पर कनाडा गए थे। उनका मुख्य काम ब्रिटिश कोलंबिया में काम करना और ओंटारियो में विनिर्माण करना हुआ करता था।

शुरुआती तौर पर माना जाता था कि सिखों का प्रवासन काफी छोटा हुआ करता था यानी कनाडा सिर्फ रोजगार की तलाश में ही सिख जाते थे उनका वहां बचाने का कोई इरादा नहीं था। शुरुआत में इनका इरादा यह होता था कि वह तीन से पांच वर्षों  तक ये कनाडा में रहे और वहां से होने वाली अधिक से अधिक कमाई को अपने घर भेजें। 

कनाडा में रहने के दौरान प्रवासियों को वहां काम बेहद आसानी से मिलने लगा। इसके बाद स्थानीय लोगों की नफरत का भी उन्हें सामना करना पड़ा क्योंकि स्थानीय लोगों की नौकरियां छिनने लगी थी। सिखों को कई बार नस्लीय और सांस्कृतिक पूर्वाग्रह का भी सामना करना पड़ा। इसके अलावा जब कनाडा में सिखों की संख्या काफी अधिक हो गई तो स्थिति भी काफी बिगड़ने लगी। इसी बीच जब कनाडा में सिखों के कारण स्थिति खराब होने लगी तो कनाडा की सरकार ने कड़े नियम लागू किया और सिखों के प्रवासन को खत्म कर दिया। सरकार ने कनाडा आने वालों से $200 वसूलने शुरू कर दिए। इस कारण कनाडा आने वालों की संख्या में काफी गिरावट देखने को मिली। 1908 के बाद से भारत से कनाडा में प्रवासन मैं भारी गिरावट देखने को मिली।

इसी दौरान कोमागाटा मारू घटना घटी। 1914 में, एक जापानी स्टीमशिप, जिसे कोमागाटा मारू के नाम से जाना जाता था, वैंकूवर के तट पर पहुंचा। इसमें 376 दक्षिण एशियाई यात्री सवार थे, जिनमें से अधिकांश सिख थे। आप्रवासियों को लगभग दो महीने तक जहाज पर हिरासत में रखा गया, और फिर कनाडाई जल क्षेत्र से बाहर निकालकर एशिया वापस भेज दिया गया। कैनेडियन म्यूज़ियम ऑफ़ ह्यूमन राइट्स के अनुसार, एक बार जब जहाज भारत पहुंचा, तो ब्रिटिश अधिकारियों और यात्रियों के बीच विवाद शुरू हो गया। अधिकारियों को संदेह था कि यात्री क्रांतिकारी थे और गड़बड़ी करने आ रहे थे। जब विवाद समाप्त हुआ, तो “16 यात्रियों सहित 22 लोग मारे गए।”

जानकारी के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद कनाडा की आप्रवासन नीति में ढील दी गई। ऐसा तीन मुख्य कारणों से हुआ था। दरअसल संयुक्त राष्ट्र में शामिल होने और नस्लीय भेदभाव के खिलाफ इसकी घोषणा और समान भागीदारों के बहु-नस्लीय राष्ट्रमंडल में सदस्यता के बाद कनाडा के लिए नस्लीय प्राथमिकताओं के आधार पर एक आव्रजन नीति और अभ्यास को बनाए रखना मुश्किल हो गया। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कनाडा ने अपनी अर्थव्यवस्था का विस्तार करना शुरू कर दिया जिसके लिए उसे मजदूरों की आवश्यकता थी। यूरोप से लोगों के आप्रवासन में गिरावट आई और कनाडाई सरकार ने ‘मानव पूंजी के आयात’ के लिए तीसरी दुनिया के देशों की ओर रुख किया। कनाडा की सरकार ने वर्ष 1967 में ‘अंक प्रणाली’ की शुरुआत की, जिसने देश में गैर-आश्रित रिश्तेदारों के प्रवेश के लिए केवल कौशल को मानदंड बनाया और एक विशेष जाति को दी गई किसी भी प्राथमिकता को समाप्त कर दिया।

नेत्रहीनों के लिए कल्याणकारी गतिविधियां न केवल सरकार बल्कि समाज और सामाजिक संगठनों की भी जिम्मेदारी है: मगनभाई पटेल


श्री अंध सर्वोदय मंडल-राजकोट के ७३वें स्थापना दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय अंधजन मंडल-जूनागढ़ने हर साल की तरह हाल ही में दृष्टिबाधित लोगों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। यह कार्यक्रम जूनागढ़ में मुख्यदाता श्री मगनभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्री मगनभाई पटेलने संस्था को ५१००० एव संस्था के दो सफाईकर्मियों को ११००० रुपये का दान देकर इस संस्था को आर्थिक सहयोग प्रदान किया साथ ही उन्होंने दृष्टिबाधित लोगों के लिए हर साल आयोजित होनेवाले इस प्रकार के कार्यक्रम के लिए प्रतिवर्ष ५१००० रुपये दान देने की भी घोषणा की और अतिरिक्त वित्तीय सहायता अपने मित्र ग्रुप से भी मिल सके ऐसा प्रयत्न करूँगा। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से लोकगीत, देशभक्ति गीत, कविताएं, लेखन और कविता पठन जैसी प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इस प्रतियोगिता में गुजरात के दिव्यांग भाई-बहनों की करीब १८ संस्था के १६१ दृष्टिबाधित भाई-बहनों ने भाग लिया था।

इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री मगनभाई पटेलने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि दृष्टिहीन कल्याण गतिविधि की पूरी जिम्मेदारी न केवल सरकार की है बल्कि समाज के साथ-साथ सामाजिक संगठनों की भी है। अगर हम सब इस क्षेत्र के लोगों के प्रति सेवा भाव दिखाएं और उन्हें रोजगारोन्मुखी और आत्मनिर्भर बनाएं तो निश्चित ही यह सही मायने में ईश्वर की भक्ति मानी जाएगी। इस क्षेत्र के लोग चाहे वे दृष्टिबाधित या शारीरिक रूप से विकलांग क्यों न हों वे अपार शक्तियां रखते हैं। ये लोग भी वो काम कर सकते हैं जो एक सामान्य व्यक्ति कर सकता है। हमारे देश में खेल प्रतियोगिता हो या कोई प्रतियोगी परीक्षा सभी दिव्यांग लोगोंने अपना हुनर दिखाकर देश का नाम रोशन किया है और उन्हें सरकार की ओर से सम्मानित और प्रोत्साहित भी किया गया है।दृष्टिबाधित बहन-बेटियां द्वारा बनाई गई विभिन्न वस्तुएं जैसे दीये,राखियां,विभिन्न खिलौने, मिठाइयां इत्यादि को बाजार में बेचकर जो आय प्राप्त होगी,उससे इन बहनों को आर्थिक मदद मिलेगी और निश्चित रूप से वे आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन करने में सक्षम होंगी। श्री मगनभाई पटेलने प्रज्ञाचक्षु एक उदाहरण देते हुए कहा कि देश में करोड़ों रुपये का कारोबार करनेवाली वाघबकरी चाय कंपनी के मालिक श्री पीयूषभाई देसाई के निजी सचिव जो प्रज्ञाचक्षु होते हुए अपनी जिम्मेदारी एक आम इंसान की तरह ईमानदारी से बखूबी निभा रहे हैं । यदि हम मंदिर में पत्थर की मूर्ति में भगवान के दर्शन कर रहे हैं तो हमें समाज में ऐसे जीवित दिव्यांग व्यक्तियों में भी भगवान के दर्शन करने चाहिए और उनकी जरूरतों को पूरा करना और उनकी मदद करना हम सभी का सामाजिक दायित्व है।

श्री मगनभाई पटेलने अपने भाषण के समापन में कहा कि अंध सर्वोदय मंडल-राजकोट के अध्यक्ष श्री यूसुफीभाई कपाड़िया, जो दृष्टिहीन होने के बावजूद दाहोद में बी.एड कॉलेज में प्रोफेसर के रूप में सेवाए  प्रदान की है। वर्ष २००२ से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं और सरकारी विभाग के कामकाज के साथ-साथ सरकार की विभिन्न योजनाए जैसे की रोजगार संबंधी, स्वास्थ्य संबंधी या शैक्षिक मामलों मे संस्थान के छात्रों को सलाह और मार्गदर्शन देने के लिए श्री मगनभाई पटेलने उनकी सराहना की। राष्ट्रीय अंधजन मंडल-जूनागढ़ के प्रज्ञाचक्षु मंत्री श्री आशीषभाई मांकड़ जो देश के पहले प्रज्ञाचक्षु चार्टर्ड अकाउंटेंट बने और वर्तमान में २० कर्मचारी के साथ अपनी खुद की चार्टर्ड अकाउंटेंट कंसल्टेंसी फर्म चला रहे हैं । श्री मगनभाई पटेलने इस संगठन में अपना कीमती समय और आवश्यक प्रशासनिक मार्गदर्शन देने के लिए उनकी भी सराहना की।

इस कार्यक्रम के दौरान श्री मगनभाई पटेल द्वारा कक्षा १ से ५ तक के दृष्टिबाधित छात्रों को स्कूलबैग एव स्टेशनरी किट भी वितरित किये गये तथा इस अवसर पर उनके द्वारा “मेरी मिट्टी,मेरा देश” कार्यक्रम के तहत वृक्षारोपण भी किया गया जिसमें नोबल स्कूल,जूनागढ़ के प्रशासक श्री के.डी. पंड्या,ब्लाइंड सर्वोदय मंडल-राजकोट के प्रमुख प्रज्ञाचक्षु श्री यूसुफीभाई कपाड़िया, राष्ट्रीय अंधजन मंडल-जूनागढ़ के प्रमुख श्री चिरागभाई पटेल और मंत्री (सीए) प्रज्ञाचक्षु श्री आशीषभाई मांकड़ उपस्थित थे।यहां बताना आवश्यक है कि उमिया माता मंदिर-सिदसर की ट्रस्टी मंडल की बैठक इसी दौरान सोमनाथ में आयोजित की गई थी, श्री मगनभाई पटेल वहां भी   अपना समय देकर इस संस्था के कार्यक्रम के दूसरे दिन की सुबह मे उपस्थित हुए थे। इस कार्यक्रम की योजना में मदद करने के लिए श्री मगनभाई पटेलने उनके  निजी सचिव परागभाई दवे को एक दिन पहले मौजूद रखा था । अंध सर्वोदय मंडल के सभी ट्रस्टियोंने श्री मगनभाई पटेल के ऐसे माइक्रो मैनेजमेंट प्रति विशेष धन्यवाद व्यक्त किया।

संस्था द्वारा आयोजित इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता ४ विभागों में ६ स्तरों पर आयोजित की गई थी। जिसमें कक्षा १ से ८ “ए” एव “बी” मे बालगीत, लोकगीत और व्रक्तुत्व प्रतियोगिता इसके अलावा ९ वीं से १२ वीं कक्षा में देशभक्ति गीत, कविता पाठ और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी । इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करनेवाले विजेता को २००० रूपये, द्वितीय स्थान प्राप्त करनेवाले को १५०० रूपये तथा तृतीय स्थान प्राप्त करनेवाले को १००० रूपये का पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त स्थान न पानेवाले प्रत्येक प्रतियोगी को भी १००० रूपये का प्रोत्साहन पुरस्कार देकर कुल १९००० रुपये के पुरस्कार दिए गए।

इस राज्य स्तरीय विभिन्न प्रतियोगिताओं में श्री नवचेतन अंधजन मंडल भुज,प्राथमिक,माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक, एडल्ट प्रशिक्षण केंद्र,वस्त्रापुर अहमदाबाद,एन.ए.बी.-जूनागढ़, एन.ए.बी.-दाहोद, बी.डब्ल्यू.सी दाहोद,श्रीमती एम.बी.जैन अंध विद्यालय-दाहोद, श्री विद्यामंदिर ट्रस्ट-पालनपुर, नेत्रहीन बहुसांस्कृतिक प्रशिक्षण केंद्र-जामनगर, श्री वी.डी.पारेख अंधमहिला विकास गृह-राजकोट, अंधशाला गांधीनगर, सी.यू.शाह प्रज्ञाचक्षु महिला सेवाकुंज-सुरेंद्रनगर,श्री प्रज्ञाचक्षु महिला प्रगति ट्रस्ट-अमरेली, श्री अंध विद्यार्थी भुवन-विसावदर (जूनागढ़),एन.ए.बी.-पालनपुर और अंध अपंगजन विद्यालय-मोगरी ऐसे कुल १८ संस्थाओ ने भाग लिया था। जिसमें “ए” विभाग से सी.यू.शाह प्रज्ञाचक्षु महिला सेवाकुंज-सुरेंद्रनगर की दृष्टिबाधित छात्रा मकवाना उषाबेन गौतमभाई और “बी” विभाग से एडल्ट प्रशिक्षण केंद्र-वस्त्रापुर के दृष्टिबाधित छात्र रमेशभाई बच्चूभाई प्रथम स्थान पर उत्तीर्ण हुए। जबकि अन्य प्रतियोगिताओं में संगीत प्रतियोगिता में दृष्टिबाधित छात्र भुवन-विसावदार,जूनागढ़ के दृष्टिबाधित छात्र सेवरा जिग्नेश समतभाई और क्विज़  प्रतियोगिता में श्री वी.डी.पारेख अंधमहिला विकास गृह-राजकोट की छात्रा सामग्नी परमार प्रथम स्थान पर उत्तीर्ण हुई थी।

 

इस संस्था के कार्यक्रम के बाद श्री मगनभाई पटेलने जूनागढ़ स्थित सत्यम सेवा युवक मंडल ट्रस्ट द्वारा संचालित अंध कन्या छात्रालय, जूनागढ़ की भी मुलाकात ली जहां संस्था के प्रमुख श्री मनसुखभाई वाजा और ट्रस्टी श्री मुकेशगिरी मेघनाथी द्वारा श्री मगनभाई पटेल का सन्मान किया गया और इस अवसर पर संस्था की प्रज्ञाचक्षु छात्राओ द्वारा श्री मगनभाई पटेल के लिए स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। श्री मगनभाई पटेलने संस्था के प्रमुख श्री मनसुखभाई वाजा को संस्था को अपने कई महत्त्व सुझाव दिए। इस प्रकार श्री मगनभाई पटेल अपनी दो दिवसीय यात्रा मे तीन संस्थाओ में अपनी उपस्थिति प्रदान कर देर रात को अपने अहमदाबाद स्थित निवासस्थान पर परत हुए थे।

निज्जर की हत्या को लेकर हुआ बड़ा खुलासा, कहा- अमेरिका ने कनाडा को दी थी खुफिया जानकारी

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वाशिंगटन। अमेरिका के प्रतिष्ठित समाचारपत्र ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने सूत्रों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद अमेरिका ने कनाडा को खुफिया जानकारी मुहैया करायी थी लेकिन ओटावा ने जो जानकारी जुटाई थी वह अधिक ठोस थी और उसके आधार पर ही उसने भारत पर आरोप लगाए हैं।
यह खबर शनिवार को तब प्रकाशित हुई जब कनाडा में अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक ने पुष्टि की कि ‘फाइव आइज के साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गयी थी’’, जिसने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को एक खालिस्तानी अलगाववादी की कनाडा की धरती पर हुई हत्या में भारतीय एजेंटों के संलिप्त रहने का आरोप लगाने को प्रेरित किया।

भारत ने इन आरोपों को ‘बेतुका’ और ‘प्रेरित’ बताते हुए आक्रामक रूप से खारिज कर दिया और इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के जवाब में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया।
प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख निज्जर की 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में हत्या कर दी गयी थी। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था।
अमेरिका ने भारत से कनाडा की जांच में उसका सहयोग करने का अनुरोध किया है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अज्ञात अधिकारियों के हवाले से कहा, ‘‘हत्या के बाद अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को ऐसी जानकारी उपलब्ध कराईं जिससे कनाडा को यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिली कि इसमें भारत का हाथ था।’’

इन अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कनाडाई अधिकारियों ने भारतीय राजनयिकों की बातचीत पर नजर रखी और यही वह ‘सबूत’ है जिससे भारत के इस साजिश में शामिल होने का संकेत मिलता है।
कनाडा में अमेरिकी राजदूत डेविड कोहेन के सीटीवी न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ‘‘फाइव आइज साझेदारों के बीच खुफिया जानकारी साझा की गई थी’’ जिसके आधार पर ट्रूडो ने भारत सरकार और एक कनाडाई नागरिक की हत्या के बीच ‘संभावित’ संबंध के आरोप को लेकर सार्वजनिक बयान दिया।
कोहेन ने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि यह साझा की गयी खुफिया सूचना का मामला है। इसके बारे में कनाडा और अमेरिका के बीच काफी संवाद हुआ।’’
अखबार में कहा गया है कि निज्जर की हत्या के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कनाडा के अपने समकक्षों को बताया कि वाशिंगटन के पास इस साजिश के बारे में पहले से कोई सूचना नहीं थी और अगर उनके पास ऐसी कोई जानकारी होती तो वे फौरन ओटावा के साथ साझा करते।

खबर के मुताबिक, नाम न उजागर करने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि कनाडाई अधिकारियों ने निज्जर को सामान्य चेतावनी दी थी लेकिन उसे यह नहीं बताया था कि वह भारत सरकार की किसी साजिश के निशाने पर है।
कोहेन ने सीटीवी से कहा कि अमेरिका इन आरोपों को बहुत गंभीरता से लेता है। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘और आप जानते हैं कि अगर ये सही साबित हुए तो नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का संभावित रूप से बहुत गंभीर उल्लंघन है।’’
अखबार में कहा गया है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत से कनाडाई जांच में सहयोग करने का आग्रह किया है लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने मोटे तौर पर भारत से किसी राजनयिक तनाव से बचने की कोशिश की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया तंत्र के शामिल होने के खुलासे ने ऐसे वक्त में कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद में वाशिंगटन को फंसाने का खतरा पैदा कर दिया है जब वह नयी दिल्ली को अपना करीबी साझेदार बनाना चाहता है।

ब्लिंकन ने शुक्रवार को न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए आरोपों के बारे में उनका देश ‘बहुत चिंतित’ है और वाशिंगटन इस मुद्दे पर ओटावा के साथ ‘करीबीसमन्वय’ कर रहा है और मामले में ‘जवाबदेही’ देखना चाहता है।
ट्रूडो ने शुक्रवार को कहा था कि उनके देश ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता के बारे में ‘‘विश्वसनीय आरोपों’’ के सबूत भारत के साथ कई सप्ताह पहले साझा किए थे और कनाडा चाहता है कि नयी दिल्ली इस गंभीर मसले पर तथ्यों की तह तक जाने के लिए ओटावा के साथ ‘‘प्रतिबद्धता के साथ काम करे।’’
कनाडा के इस मामले में कोई सूचना भारत के साथ साझा किए जाने के बारे में पूछने पर नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘कनाडा ने इस मामले पर तब या उससे पहले या बाद में कोई खास जानकारी साझा नहीं की। आप जानते हैं कि जैसा कि हमने कहा है या मुझे लगता है कि हमने स्पष्ट किया है कि हम किसी भी विशेष सूचना पर विचार करने के लिए तैयार हैं।

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PM Modi ने देश को दी सौगात, नौ वंदे भारत ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, 11 राज्यों में बढ़ेगी कनेक्टिविटी


देश को नौ नई वंदे भारत ट्रेनों की सौगात मिल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 सितंबर को नौ नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई है। इन वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद सभी 11 राज्यों में यात्रा में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा। देश के इन 11 राज्यों में रेलवे कनेक्टिविटी भी बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल नौ वंदे भारत ट्रेनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हरी झंडी दिखाई है।

बता दें कि देशभर के कई रूटों पर वंदे भारत ट्रेन में सफलतापूर्वक संचालित हो रही है। इसी बीच जिन नौ ट्रेनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवाना किया है उनके शुरू होने के बाद से भारत में ट्रेनों का बेड़ा अधिक बड़ा होने वाला है।

जानकारी के लिए बता दें कि नौ वंदे भारत ट्रेनों को 11 राज्यों से चलाया जाएगा जिसमें राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, बिहार, पश्चिम बंगाल, केरल, उड़ीसा, झारखंड और गुजरात शामिल है। ये सभी वंदे भारत ट्रेनें 11 राज्यों के धार्मिक और पर्यटन स्थलों को जोड़ेंगी। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इन रेलगाड़ियों को हरी झंडी दिखाई। नयी वंदे भारत रेलगाड़ियां उदयपुर-जयपुर, तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु, विजयवाड़ा-चेन्नई, पटना-हावड़ा, कासरगोड-तिरुवनंतपुरम, राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी, रांची-हावड़ा और जामनगर-अहमदाबाद के बीच चलेंगी। राउरकेला-भुवनेश्‍वर-पुरी वंदे भारत एक्‍सप्रेस और तिरुनेलवेल्‍ली-मदुरै-चेन्‍नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस से पुरी और मदुरै जैसे महत्‍वपूर्ण धार्मिक स्‍थलों के बीच संपर्क सुविधा बढ़ेगी। 

विजयवाड़ा-चेन्‍नई वंदे भारत एक्‍सप्रेस रेनीगुंटा के रास्‍ते संचालित होगी और तिरुपति धार्मिक स्‍थल तक संपर्क उपलब्ध कराएगी। इससे पहले एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि ये ट्रेन देश भर में कनेक्टिविटी में सुधार और रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक कदम हैं। बयान में कहा गया, ‘‘वंदे भारत ट्रेन अपने संचालन के मार्गों पर सबसे तेज गति वाली ट्रेन होंगी और इससे यात्रियों का काफी समय बच सकेगा।’’ इसके मुताबिक, राउरकेला-भुवनेश्वर-पुरी और कासरगोड-तिरुवनंतपुरम मार्ग पर वर्तमान की सबसे तेज ट्रेन की तुलना में, वंदे भारत ट्रेन से संबंधित गंतव्यों के बीच यात्रा के समय में लगभग तीन घंटे कम हो जाएंगे। इसी तरह, हैदराबाद-बेंगलुरु के मार्ग पर ढाई घंटे से अधिक जबकि तिरुनेलवेली-मदुरै-चेन्नई मार्ग पर सफर में दो घंटे से अधिक समय बचेगा। 

वंदे भारत ट्रेन के जरिये रांची-हावड़ा, पटना-हावड़ा और जामनगर-अहमदाबाद के बीच यात्रा का समय इन गंतव्यों के बीच वर्तमान में उपलब्ध सबसे तेज ट्रेन की तुलना में लगभग एक घंटे कम हो जाएगा। इसी तरह, वंदे भारत से उदयपुर-जयपुर के बीच यात्रा का समय करीब आधा घंटा कम हो जाएगा।

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