लखनऊ, सीएनए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी (election duty) के कारण कोरोना से मृत कार्मिकों के आश्रितों की अनुग्रह धनराशि जो 15 लाख रुपये थी, उसे बढ़ाकर 30 लाख रुपये करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया।
ड्यूटी अवधि की जो परिभाषा निर्वाचन आयोग ने तय किया है उसमें कोविड-19 से की वजह से होने वाले इंफेक्शन और इसकी वजह से होने वाली मृत्यु में जो समय लगता है उसका ध्यान नहीं रखा गया है। कैबिनेट ने अनुग्रह राशि की पात्रता के लिए निर्वाचन ड्यटी (election duty) की तिथि से 30 दिन के अंदर कोविड से होने वाली मृत्यु को इसकी पात्रता में लाने का फैसला लिया है।
30 दिन के अंदर मृत्यु होने पर इसका लाभ दिया जाएगा
कोविड से मृत्यु के साक्ष्य के रूप में एंटीजन, आरटीपीसीआर की पाजिटिव रिपोर्ट, ब्लड रिपोर्ट तथा सीटी स्कैन में कोविड इंफेक्शन को माना जाएगा। कोविड के कुछ मरीजों की कोविड रिपोर्ट रिपोर्ट निगेटिव आती है और पोस्ट कोविड कांप्लिकेशन से उसकी मृत्यु हो सकती है। इस तरह के मामलों में भी 30 दिन के अंदर मृत्यु होने पर इसका लाभ दिया जा सकता है। कोविड स्टेट एडवाइजरी बोर्ड के अध्यक्ष निदेशक एसजीपीजीआई ने इसकी सहमति दी है।
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दरअसल, अप्रैल-मई में पंचायत चुनाव ड्यूटी (election duty) करते समय जिन कार्मिकों की कोरोना के कारण मृत्यु हुई, उनके स्वजन को 30 लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का फैसला भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पहले से कर रखा है, लेकिन मौजूदा व्यवस्था में वह कार्मिक अनुग्रह राशि पाने की पात्रता से बाहर हो रहे थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण तो ड्यूटी के दौरान हुआ, लेकिन उससे मृत्यु कुछ दिनों के बाद हुई।
इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों निर्देश दिया कि चुनाव ड्यूटी (election duty) में कोरोना से मृत सभी कार्मिकों के स्वजन को अनुग्रह राशि मिल जाए, इसके लिए कोरोना को देखते हुए निर्वाचन आयोग के साथ विमर्श कर पुराने नियमों आदि में संशोधन किया जाए।