नीतीश ने G20 के डिनर में शामिल होकर विपक्षी गठबंधन को दिया ये संदेश जी, हां बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कब क्या और कौन सा कदम उठाएंगे, इसको लेकर चर्चाओं का दौर जारी रहता है। एक बार फिर से नीतीश कुमार ने अपने एक कदम के जरिए इंडिया गठबंधन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। इसके साथ ही नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर अटकलों का दौर दोनों शुरू हो गया है।
दरअसल, 9 सितंबर को जी-20 के आयोजन के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर नीतीश कुमार रात्रि भोज कार्यक्रम में शामिल हुए थे। नीतीश कुमार ना सिर्फ इस कार्यक्रम में शामिल हुए बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात की जो तस्वीरें आई हैं, उसमें दोनों नेता बेहद सहज दिखाई दे रहे हैं और ऐसा लग ही नहीं रहा है कि दोनों के रास्ते अलग-अलग है। यही कारण है कि नीतीश कुमार के अगले कदम को लेकर अटकलों का दौर जारी है।
इंडिया गठबंधन में असहज
बड़ा सवाल यही उठता है कि क्या नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में असहज है? क्या नीतीश कुमार को वह भाव नहीं मिल रहा है जिसके वे हकदार हैं? इसमें कोई दो राय नहीं है कि नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास सबसे पहले शुरू किया। इसी कड़ी में उन्होंने पटना में बड़ी बैठक भी की।
हालांकि, इसके बाद बेंगलुरु और मुंबई के बैठक में जो कुछ भी हुआ, उससे ऐसा लगा कि विपक्षी गठबंधन को कांग्रेस ने पूरी तरीके से हाईजैक कर लिया है। इंडिया नाम को लेकर भी नीतीश कुमार सहज नहीं थे। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस पर अपनी सहमति नहीं दी थी। बावजूद इसके विपक्षी दलों की ओर से गठबंधन का नाम इंडिया रखा गया। बेंगलुरु बैठक के बाद नीतीश कुमार गठबंधन में तो है लेकिन खुद को अलग-थलग भी महसूस कर रहे हैं।
दिया संदेश
यही कारण है कि नीतीश कुमार ने रात्रि भोज में शामिल होकर इंडिया गठबंधन और खास करके कांग्रेस पर दबाव बनाने की शुरुआत कर दी है। नीतीश कुमार इस बात के संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके लिए अभी भी विकल्प खुले हुए हैं। ऐसा इसलिए माना जा सकता है क्योंकि इंडिया में होने के बावजूद भी जब द्रौपदी मुर्मू देश की राष्ट्रपति बनी थीं, शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए थे। इतना ही नहीं, रामनाथ कोविंद के विदाई के दौरान जो रात्रि भोज रखा गया था उसमें भी वह शामिल नहीं हुए थे। नीतीश उन कार्यक्रमों से पिछले 1 सालों से लगातार दूरी बनाकर रख रहे हैं जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी होती थी। लेकिन जी-20 की बैठक के दौरान नीतीश कुमार की उपलब्धता ने कहीं ना कहीं विपक्षी दलों की बेचैनियों को बढ़ा सकता है।
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