तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने शनिवार दो सितंबर को सनातन धर्म पर बयान दिया है जिसपर भयंकर विवाद शुरू हो गया है। उन्होंने सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से की है, जिसके बाद हंगामा हो गया है।
उदयनिधि ने कहा कि इसका सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए। इसका सफाया होना चाहिए। इस बयान का भाजता नेताओं समेत कई लोगों ने विरोध किया है। उदयनिधि ने ये बयान सनातन उन्मूलन सम्मेलन में बोलते हुए दिया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय और समानता के विरुद्ध है।
कई चीजों का विरोध नहीं हो सकता है बल्कि उनका खत्मा होना चाहिए। डेंगू, मलेरिया या कोरोना का विरोध नहीं कर सकते बल्कि इसे खत्म करना होगा। इसी तरह सनातन को खत्म करना होगा। सनातन उन्मूलन सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि सनातन का विरोध करने के बजाय, इसे खत्म किया जाना चाहिए।
सनातन धर्म से लड़ें
उन्होंने जब से ये बयान दिया है तभी से उनके खिलाफ भाजपा और कई साधुओं ने बयान दिया है और इसका विरोध किया है। हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने भी सनातन धर्म को खत्म करने के इस बयान पर कहा कि उन्हें समझना चाहिए कि सनातन धर्म टॉफी या बताशा नहीं है जिसे मुंह में डाला और वो खत्म हो जाए। ये सदियों से अस्तित्व में है और आगे भी रहेगा। ये दुर्भाग्य है कि जो भी INDIA गठबंधन से जुड़े है वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नहीं बल्कि सनातन धर्म से लड़ रहे है।
भाजपा ने साधा निशाना
इस मामले पर भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके सरकार के मंत्री उदयनिधि ने सनातन धर्म को मलेरिया और डेंगू से जोड़ा है। इसे खत्म करने को कहा है और सिर्फ विरोध करने को नहीं। वो सनातन धर्म का पालन करने वाले भारत की 80% जनता को नरसंहार के लिए आवाह्न कर रहे है। द्रमुक कांग्रेस का सहयोगी है। क्या मुंबई बैठक में इसी पर सहमति बनी थी?
पूनावाला ने साधा निशाना
इस मामले पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी निशाना साधते हुए कहा कि नरसंहार से कम नहीं है। कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम ने इसका समर्थन किया है। गठबंधन की क्या मानसिकता है इससे साफ जाहिर होती है। बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब सनातन धर्म को लेकर किसी नेता ने विवादित बयान दिया है। इससे पहले समाजवादी पार्टी कह चुकी है कि सनातन धर्म धोखा है। कांग्रेस भी हमेशा इसपर वार करती आई है।
इस मामले में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि उदयनिधि की इस टिप्पणी पर पार्टी कोई कमेंट नहीं करना चाहती है। हम किसी धर्म पर टिप्पणी नहीं करना चाहते। हमारा मकसद किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।
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