नई दिल्ली, सीएनए। भारत में कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 66 लाख के पार हो गई है। ऐसे में भारत में इस वक्त तीन कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी हैं, जो क्लिनिकल ट्रायल के अलग-अलग स्टेज पर हैं। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा भारत बायोटेक कंपनी के कोवैक्सीन की है। कंपनी ने इस वैक्सीन में एक ऐसी चीज मिलाई है, जो इंसान के इम्युन रिस्पॉन्स को बेहतर करेगा और लंबे समय तक कोरोना वायरस से सुरक्षा मिल सकेगी।
क्या चीज मिला रही है भारत बायोटेक?
जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक अपनी कोविड वैक्सीन में Alhydroxiquim-II नाम का अजुवंट बुस्टर मिला रही है। अजुवंट एक ऐसा एजेंट है, जिसे मिलाने पर इस वैक्सीन की क्षमता बढ़ जाती है। ये वैक्सीन लगने के बाद शरीर में जो एंटीबॉडीज बनेंगी, वो लंबे वक्त तक इम्युनिटी को बेहतर करके रखेगी. रिपोर्ट के मुताबिक, ViroVax ने भारत बायोटेक को Alhydroxiquim-II अजुवंट का लाइसेंस दे दिया है. फिलहाल यह वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के फेज-2 स्टेज से गुजर रही है।
Alhydroxiquim-II में क्या है खास?
टाइम्स ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा एल्ला के हवाले से लिखा, अजुवंट के रूप में एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड का कई कोविड वैक्सीन के डेवलपमेंट में यूज हुआ है। यह Th2 आधारित रेस्पांस पैदा करता है, जो एक्स्ट्रासेलुलर पैरासाइट्स और बैक्टीरियल इन्फेक्शन को खत्म करने के लिए जरूरी है। कंपनी ने अजुवंट्स की Imidazoquinoline क्लास का इस्तेमाल किया है। ये Th1 आधारित रेस्पॉन्स पैदा करते हैं, जो ADE के खतरे को कम करते हैं।
बता दें कि CMR-NIV ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर COVAXIN तैयार की है. इसका पहले दौर का ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल पूरा हो चुका है। दूसरे चरण का ट्रायल जारी है. जानवरों पर ट्रायल में यह वैक्सीन इम्युन रेस्पॉन्स ट्रिगर करने में कामयाब रही थी।
भारत में डेलवप हो रही है और कौन सी वैक्सीन?
Covaxin के अलावा भारत में दो और वैक्सीन हैं, जो अलग-अलग ट्रायल स्टेज से गुजर रही हैं. सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफर्ड-अस्त्राजेनेका की वैक्सीन में पार्टनरशिप की है। कंपनी देश में ‘कोविशील्ड’ का ट्रायल कर रही है. इसके अलावा जायडस कैडिला ने ZyCov-D नाम से वैक्सीन बनाई है, जो फर्स्ट स्टेज के ट्रायल पर है।