आज हम आपको उत्तराखंड के भारत माता मंदिर के बारे में बता रहे है जो हरिद्वार शहर के मोतीचूर नामक स्थान पर बना हुआ है और यह स्थान गंगा नदी के बेहद करीब सहित है। यह मंदिर हरिद्वार रेलवे स्टेशन से लगभग 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मंदिर का उद्देश्य वीरों की यादों को संग्रहित करना
एैसी है मंदिर की बनावट, 8 मंजिला है बिल्डिंग
भारत माता मंदिर 8 मंजिल बिल्डिंग है, जिसकी प्रत्येक मंजिल अलग-अलग शूरवीरों को समर्पित है। वहीं इस मंदिर की कुल ऊंचाई 180 फीट बताई जाती है। मंदिर की सबसे पहली मंजिल की बात करें तो पहली मंजिल भारत माता को समर्पित कर बनाया गया है। यहां रेत पर भारत देश का एक बेहद बड़ा नक्शा बनाया गया है और इसको लाल तथा नीली रोशनी से सजाया गया है। यह नक्शा देखने में बहुत ही भव्य लगता है।
मंदिर की दूसरी मंजिल की बात करें तो दूसरी मंजिल को ‘सूर्य मंदिर’ के नाम से जाना जाता है। यह मंजिल भारत के शूरवीरों को समर्पित है जिनमें महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री, गुरु गोविंद सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, शिवाजी महाराज, रानी लक्ष्मीबाई, भगत सिंह, सुखदेव, चंद्रशेखर, राजगुरु आदि वीरों की मूर्तियां लगाई गई हैं।
वहीं तीसरी मंजिल की बात करें तो यह भारत की नारी शक्ति को समर्पित है। इसमें कृष्ण भक्त मीराबाई, सती सावित्री, मैत्रेयी जैसी भारत की तमाम विदुषी महिलाओं की मूर्तियां यहां स्थापित की गई हैं।
चौथी मंजिल को भारत के महान संतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिसमें श्रीरामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास, भक्ति काल के श्रेष्ठ कवी कबीर दास, बौद्ध धर्म के प्रवर्तक गौतम बुद्ध, साईं बाबा आदि की मूर्तियां लगी हैं।
पांचवी मंजिल को झांकियों से सजाया गया है, जिनमें इतिहास और भारत के विभिन्न भागों को प्रदर्शित करती हुईं सुंदर झांकियां लगाई गई हैं, तथा इस मंजिल की दीवार पर चित्रकारी भी की गई है।
छठे मंजिल को ‘शक्ति मंदिर’ कहते हैं, जिनमें हिन्दू धर्म की आदि शक्तियों की प्रतिमाएं लगाई गई हैं जिनमें मां दुर्गा, मां पार्वती, राधा रानी, काली माता और सरस्वती माता की मूर्तियां लगी हैं।
सातवें मंजिल पर भगवान विष्णु के 10 अवतारों का वर्णन किया गया है और उनकी मूर्तियों को स्थापित किया गया है। आठवीं मंजिल भगवान शंकर को समर्पित है, क्योंकि भगवान शिव को ही प्रकृति और आध्यात्मिक शक्तियों का मालिक कहा जाता है। इस मंजिल पर हिमालय, हरिद्वार और सप्त सरोवर के सुंदर दृश्यों का वर्णन किया गया है।