न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रनबीर सिंह जाखड़ के हवाले से यह बात कही है। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिक अब अहम इलाकों में मजबूत स्थिति में हैं और इसके चलते चीनी सैनिकों को मुश्किल आ रही है। अब चीन की सेना चुशूल-देमचोक सड़क पर भी ठीक तरह से नजर नहीं रख पा रही है। भारतीय सैनिकों का सामना करने के डर से चीन के सैनिकों को नींद नहीं आ रही है।
एक्सपर्ट ने बताया भारतीय जवान चीन के सैनिकों से बेहतर क्यों?
कर्नल जाखड़ के मुताबिक, जब बात माउंटेन वारफेयर की हो तो भारतीय जवानों का प्रशिक्षण चीन के सैनिकों से ज्यादा बेहतर तरीके से होता है। हाल के दिनों में भारतीय सेना ने चीन की सरकार को यह दिखा दिया है कि मशीनों के पीछे खड़े इंसान मायने रखते हैं ना कि मशीनें। रिटायर्ड कर्नल का कहना है कि भारतीय सैनिक देशभक्ति से भरे होते हैं और वो अदम्य साहस के साथ जंग लड़ते हैं, दूसरी ओर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों (पीएलए) के लिए सेना में भर्ती होना अनिवार्य होता है।
29-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने पैंगॉन्ग झीले के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने नाकाम कर दी। तभी से दोनों के सैनिक आमने-सामने डटे हुए हैं। चीन 1 सितंबर को भी घुसपैठ की कोशिश कर चुका है। 7 सितंबर को दक्षिणी इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय पोस्ट की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी और चेतावनी के तौर पर फायरिंग की थी। यहां पर भारत के सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था। इस घटना की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें चीन के सैनिक भाला, रॉड और धारदार हथियार लिए नजर आए।