गोरखपुर, सीएनए। गगहा विकास खंड के रकहट गांव के निवासी बंदर के आतंक से भयभीत है। बंदर का भय इतना की गांव के जिस क्षेत्र में दस्तक देता है वहां भगदड़ मच जाती है। दोपहिया व ट्रैक्टर चालक पर तो मानो काल बन कर टूट रहा है। अब तक बंदर के हमले से दर्जन भर से अधिक लोग घायल हो चुके हैं।
वन विभाग को सूचना दे ने के बाद भी विभाग बंदर को पकड़ने में कोई रुचि नहीं दिखा रहा है। वन विभाग सिर्फ संसाधन का रोना रो रहा है। यदि समय रहते बंदर नहीं पकड़ा गया तो इसके हमले से किसी दिन बड़ी घटना हो सकती है।
दर्जन भर से अधिक लोगों को कर चुका है घायल
केस एक- गगहा के समाचार पत्र विक्रेता गुड्डू 35 वर्ष शनिवार सुबह रकहट गांव में मोटरसाइकिल से अखबार बांटने जा रहे थे उसी समय बंदर उनके ऊपर हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए ग्रामीणों ने उन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया।
केस दोः– रकहट गांव के ही निवासी रंजू देवी पत्नी राजेश यादव 36 वर्ष तीस सितंबर की सुबह अपने मकान के छत पर कुछ काम कर रहीं थीं उसी समय बंदर उनके ऊपर हमला कर दिया। बंदर के हमले से उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गयी , गोरखपुर स्थित एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
केस तीनः-इसी गांव के निवासी रामछबिले यादव पुत्र परदेशी यादव एक माह पूर्व ट्रैक्टर लेकर कहीं जा रहे थे अभी बंधे पर अपने घर से कुछ ही दूर गये थे उसी समय बंदर उनके ऊपर हमला कर दिया। बंदर के हमले से घायल ट्रैक्टर चालक को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां हालत गंभीर होने पर चिकित्सकों ने गोरखपुर के लिए रेफर कर दिया।
इसी तरह गांव के निवासी विजेंद्र तिवारी साठ वर्ष एक माह पूर्व बंदर के हमले से गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें लखनऊ स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। पूर्व ग्राम प्रधान अभय पांडेय, धनंजय पांडेय, रमेश पाण्डेय सहित दर्जन भर से अधिक लोग अब तक घायल हो चुके है। उत्पाती बंदर आए दिन लोगों को शिकार बना रहा है। ग्रामीणों के शिकायत के बाद भी जिम्मेदार मौन है।