भारत के अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को सूर्य का अध्ययन करने के लिए समर्पित अपना सोलर मिशन Aditya L1 सफलतापूर्वक लॉन्च किया।
प्रक्षेपण भारतीय समयानुसार सुबह 11:50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुआ। प्रक्षेपण के लगभग एक घंटे बाद अंतरिक्ष यान रॉकेट के चौथे चरण से अलग हो गया, जिससे यह ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान के सबसे लंबे मिशनों में से एक बन गया।
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले सौर मिशन, Aditya L1 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मांड की बेहतर समझ विकसित करने के लिए हमारे अथक वैज्ञानिक प्रयास जारी रहेंगे।
आदित्य एल-1 के सफल प्रक्षेपण पर इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि आदित्य एल1 अंतरिक्ष यान को एक अण्डाकार कक्षा में स्थापित किया गया है। जिसका उद्देश्य पीएसएलवी द्वारा बहुत सटीक है। मैं पीएसएलवी को इस तरह के अलग काम के लिए बधाई देना चाहता हूं।
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